26 Jun 2020
Administrators’ E-conference (26 – 28 June 2020)- Watch online on PMTV, Youtube & Facebook
Youtube Link to Watch: https://www.youtube.com/playlist?list=PL9S0l6i0GLdkv5AfSLJqCiaBvyV8gy7Qk
Facebook Page: https://www.facebook.com/BKsORC
Promo of the e-conference: https://www.youtube.com/watch?v=72YbSpn-AaU
Registration Form: https://forms.gle/Ap5ytxG4CGFnqXWq8
10 Jul 2019
Mount Abu: Inauguration of Administrators’ Conference at Gyan Sarovar (9th to 13th July, 2019)
Please see the Inaugural News of Conference for Administrators’, Executive & Managers on “Renewing the Mindsets for Better Governance” held at Brahma Kumaris, Gyan Sarovar, Mount Abu on 9th July, 2019.
सकारात्मक वैचारिक परिवर्तन जलवों को जन्म देते हैं : राजयोगिनी आशा दीदी
माउंट आबू (ज्ञान सरोवर), 9 जुलाई 2019
आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, “प्रशासक सेवा प्रभाग” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय था ‘बेहतर प्रशासन के लिए वैचारिक प्रक्रिया का नवीनीकरण’. इस सम्मेलन में देश तथा नेपाल के सैकड़ों प्रतिनिधिओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलन के द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ।
प्रशासक सेवा प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी आशा दीदी ने अपना अध्यक्षीय विचार रखा। आपने कहा कि वैचारिक परिवर्तन के अनेक जलवे मैंने देखे हैं। आपने अनड्रेकेलिस का उदाहरण दिया। एक हिंसक शेर भी अपनी हिंसा का परित्याग कर देता है, अगर उसके साथ भी सहानुभूति दिखाई गयी हो। दबाव से कोई कार्य सफल नहीं होता। बल्कि अगर आप किसी को सशक्त कर दें तो वह अपना कार्य सफलता पूर्वक करता रहता है। सेवा भाव से हम सभी का जीवन बदल सकते हैं। एक बार वैचारिक बदलाव लाने पर दुनिया बदल जाती है। राजयोग का अभ्यास वैचारिक बदलाव लाने में सफल है। प्रशासकों के लिए यह अनिवार्य है।
ब्रह्माकुमारीज़ के अतिरिक्त महा सचिव राजयोगी बृजमोहन भाई ने सम्मेलन के विषय की भावना को प्रकट किया। आपने कहा कि हम आज तक जिस प्रकार से कोई कार्य करते रहे हैं, अगर आगे भी वैसे ही करते रहेंगे तो हमें परिणाम भी वही प्राप्त होंगे जैसे आज तक प्राप्त होते रहे हैं। अर्थात बेहतर परिणाम के लिए कुछ नवीनीकरण जरूरी है। दुनिया में सभी को ख़ुशी, प्रेम और आनंद चाहिए। अतः सभी को वैसा ही कार्य करना होगा जिसके परिणाम स्वरुप उनको ख़ुशी और प्रेम मिले। अगर सारा दिन बीत जाने के पश्चात हम अपनी झोली को खाली पाते हैं, तो समझना होगा की हमारी कार्य प्रणाली दोष युक्त है। स्वयं को प्रशासक के बजाय अगर सेवक मानकर कार्य सम्पादन करेंगे तो काफी सुन्दर परिणाम प्राप्त होंगे। दुनिया का सबसे बड़ा सेवक है परमात्मा जो सभी को देता ही जाता है। अगर मन में सभी को कुछ न कुछ देने की भावना पैदा की जाए तो प्रशासन राम राज्य समान हो जायेगा।अगर यह इतना आसान भी नहीं है। इसके लिए सभी को अपना ही परिवार मान करना होगा। आत्मिक नाते से हम सभी एक ही परिवार के भाती हैं और परमात्मा हमारा पिता है। यही वैचारिक बदलाव प्रशासन को सुधारेगा।
भा प्र सेवा के सेवा निवृत पदाधिकारी और आगरा लेबर कोर्ट के प्रेजाइडिंग अफसर सीताराम मीणा ने कहा कि हम सभी को परम्परा से अलग अनेक कदम लेने पड़ते हैं समाज के कल्याण के लिए। शांति सम्मेलनों में सभी धर्मों के लोग मिलते हैं। भाई भाई के नारे लगाए जाते हैं। मगर यह सब ऊपरी होता है। भाई भाई की भावना का मन में उदय तब होता है जब हम सभी खुद को एक अजर अमर आत्मा जानते और मानते हैं। सभी परमात्मा की ही संतान हैं, यह भावना ही मन में भाई भाई का भाव लाती है। यही है वैचारिक बदलाव। तब प्रशासन उत्तम बन जाता है।
ओडिसा लोकायुक्त सदस्य डॉक्टर देवव्रत स्वाईं मुख्य अतिथि के बतौर बताया कि इस सम्मेलन में उपस्थित होना उनका बड़ा भाग्य है। आपने कहा कि आप ४० से भी अधिक वर्षों से इस संस्थान के विद्यार्थी रहे हैं। इसकी शिक्षाओं का उनपर ऐसा प्रभाव रहा की भारतीय वन सेवा की सफलता के बाद उनको उनके महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने का अवसर मिला और उन्होंने पूरी पूरी ईमानदारी से उनका निर्वाहन किया। अनेक व्यसनियों को व्यसन मुक्त करवाया। आपने कहा कि विज्ञान और आध्यात्म एक ही सिक्के को दो पहलू हैं और दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. विज्ञान का विद्यार्थी होने के कारण उनको आध्यात्मिक होने में सहूलियत हुई।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव रोशन जग्गी ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में अपनी भावना रखी। आपने बताया की प्रशासक आम जनता से जुड़े होते हैं। अगर उनके मन में जनता के कल्याण का भाव रहता है तो प्रशासन सुन्दर बनता है। आपने प्रधानमंत्री मोदी जी का उदाहरण दिया और बताया कि वे सभी प्रशासकों को सदैव प्रेरणा देते हैं की अगर किसी कार्य को दस तरीकों से किया जाता है तो भी वहाँ सदैव इस बात की संभावना होती है कि इन सभी से बेहतर कोई ग्यारहवां तरीका भी जरूर होगा। उस तरीको ढूंढने का प्रयत्न होना चाहिए और प्रशासन को काफी बढ़िया बनाना चाहिए। ध्यान के अभ्यास से मनुष्य की वैचारिक प्रक्रिया बदलेगी और उनका वयक्तित्व भी बदलेगा।
प्रशासक सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजक राजयोगिनी अवधेश बहन ने योगाभ्यास करवाया। संस्थान के महासचिव राजयोगी निर्वैर भाई जी का वीडियो संदेश भी सुनाया गया। आपने पर्यावरण की रक्षा के लिए वृक्षा रोपण पर बल दिया। प्रशासक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बी के हरीश भाई जी ने पधारे हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। गोधरा प्रशासक सेवा प्रभाग के सचिव ब्रह्मा कुमार शैलेश जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। ब्रह्मा कुमारी बहन उर्मिल ने कार्यक्रम का संचालन किया।